Monday, 26 February 2018

श्रीदेवी के निधन पर रोये अमर सिंह

आपको बता दें कि श्रीदेवी का जन्म 1963 में हुआ था, उनका विवाह फिल्म निर्माता बॉनी कपूर से हुआ था। उनकी बेटी की हाल ही में फिल्म रीलीज होने वाली है, ऐसे में उनके निधन से उनका पूरा परिवार शोक में डूबा है। श्रेदेवी के पार्थिव शरीर को आज मुंबई लाया जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार होगा।
मशहूर फिल्म अदाकार श्रीदेवी के निधन के बाद पूरा बॉलिवुड जगत शोक में डूबा है। श्रीदेवी का निधन दुबई में हुआ, यहां वह एक पारिवारिक शादी के कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए पहुंची थीं। इस शादी का जिक्र करते हुए अमर सिंह ने कहा कि जिस शादी में वो गयी थीं, मैं भी वहीं था। दूसरे दिन मैंने एक समिट में जाने का फैसला लिया। मुझे दुख है कि मैंने यह फैसला लिया, वरना उनके साथ समय बिताने का अवसर मिलता।

Saturday, 10 February 2018

जिस तरह से मौसम बदलता रहता है,ठीक वैसे ही सियासी राजनीतिक समीकरण कब कौन सा रूप धारण कर ले कह पाना मुश्किल है।राजस्थान में अजमेर,अलवर संसदीय उपचुनाव के साथ मांडलगढ़ विधानसभा उपचुनाव में जहां कांग्रेस शानदार जीत के साथ आगे के मिशन में जुट गई है, वहीं भाजपा आत्मचिंतन और मंथन में जुट गई है। किसी चुनाव में हार के लिए कई कारण हो सकते हैं लेकिन सियासत वालो के लिए एक छोटी सी हार उनकी प्रासंगिकता पर सवाल खड़ा कर सकती है। उपचुनावों में मिली जीत के बाद जहां एक तरफ सचिन पायलट का कद बढ़ा है, वहीं चाय पार्टी के जरिए कद्दावर नेताओं में से एक अशोक गहलोत ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। ऐसे में सवाल ये है कि क्या कांग्रेस जीत से मिली ताकत को आगे बरकरार रख पाएगी या ये पानी का बुलबुला साबित होगा। ठीक वैसे ही एक सवाल ये भी है कि उपचुनाव में मिली हार के बाद क्या  वसुंधरा राजे अजेय होकर निकलेंगी या फिर राजस्थान उनकी मुट्ठी से हमेशा के लिए निकल जाएगा। राजस्थान में अपनी पकड़ बरकरार रखने के लिए जहां कांग्रेस टैलेंट सर्च जैसे अभियान पर जोर दे रही है, वहीं भाजपा किसानों और आम लोगों को लुभाने के लिए कई घोषणाएं कर सकती है। कुछ दिन पहले प्रदेश के कुछ छोटे पदाधिकारियों की ओर से विरोध का मोर्चा भी खोल दिया गया है। लेकिन बड़े नेताओं में चुप्पी है। सूत्रों की मानी जाए तो वसुंधरा को लेकर थोड़ी उलझन है। उपचुनाव के नतीजे को आधार बनाकर फेरबदल कितना उचित होगा यह सवाल है। लेकिन विरोधियों का तर्क है कि जिस तरह के नतीजे आए वह लोकसभा के लिहाज से भी खतरनाक है।


 राजस्थान के चुनाव में जातीय समीकरण बहुत अहम होता है और फिलहाल भाजपा के पास प्रदेश में ऐसा प्रभावी विकल्प नहीं दिख रहा है जो चुनाव से महज आठ-नौ महीने पहले मूड बदल सके। उस स्थिति में वसुंधरा के तेवर की गारंटी भी नहीं है। गौरतलब है कि पिछले वर्षो में वह इसका प्रदर्शन भी कर चुकी हैं। हालांकि इस वक्त उनके पास विधायकों का उतना समर्थन नहीं है जैसा पहले हुआ करता था। लेकिन उनके दबदबे को नकारा भी नहीं जा सकता है।

Friday, 9 February 2018

काश! हमें इज़हार करना आता

काश! हमें इज़हार करना आता

वह मेरे सामने खड़ी थी, आसमान से उतरी किसी परी की तरह। मेरी नजरों को जैसे उसने कैद कर लिया था। मैं उसे घूरे जा रहा था। अचानक हाथ से चाय का ग्लास छूटने पर मैं सकपकाया और एक नजर उसने भी मुझे देखा। चाय की दुकान वाले से ग्लास के पैसे काट लेने की बात कहते हुए मै वापस उसे देखने लगा। बड़ी खूबसूरत सुबह थी वह। अपने पापा के साथ होटल से जलेबी लेने आई थी वह। कुछ पल बाद वो अपने पापा के साथ चली गई पर मैं उस होटल में कुछ उधार कर आया था। शायद उसके ख्यालों का उधार था
इसलिए अब रोज वहां जाने लगा था।


रोज वो आती। मैं उसे जी भर के देखता और दोनों के बीच एक अनकही बातचीत होती पर मैं कभी अपनी आंखों की जुबां को लफ्ज न दे सका। पढ़ाई पूरी हो गई और मैं एक कॉलेज में प्रिंसिपल बन गया। एक रोज उसी कॉलेज में हाथों में मेहंदी लगाए उसी परी को एक बच्चे को ले जाते देखा।दिल ने कहा, एक बार हिम्मत करके अपने दिल की बात उसे बता ही देनी चाहिए। लेकिन हिचक भी थी। मैं उसे एकटक देखे जा रहा था। वो मुझसे धीरे-धीरे दूर जा रही थी। मैं तेजी से उसकी ओर भागा, उसके कुछ दूर पहुंचने से पहले ही वह पीछे मुड़ी। मैं वहीं रुक गया। वो मेरे पास आई। मेरी सांसे तेज हो गई थीं। वह बोली, 'तुम्हें प्यार का इज़हार करना नहीं आता। दिल जोड़ना नहीं आता। शायद गिलास तोड़ने वाले कभी दिल टूटने की आवाज नहीं सुन पाते हैं। उन्हें दिल का टूटना भी गिलास टूटने जैसा ही लगता है।' इतना कहकर वो चल दी। थोड़ा चलकर फिर मुड़ी। बोली, काश! तुम्हें प्यार का इज़हार करना आता।

उलटी गंगा `एक प्रेरणादाई कहानी'



एक बनिया था। भला था। भोला था। थोड़ा पागल था। एक छोटी सी दुकान चलाता था, दाल, मुरमुरे, रेवड़ी गुड़ चावल जैसी चीजें बेचता था और शाम तक दाल-रोटी का जुगाड़ कर लेता था।

एक रोज दुकान बंद कर देर रात वह अपने घर जा रहा था, तभी रास्ते में उसे कुछ चोर मिले। बनिये ने चोरों से पूछा, ‘‘इस वक्त अँधेरे में आप लोग कहाँ जा रहे हैं ?’’

चोर बोले, ‘‘भैया, हम तो सौदागर हैं। आप हमें क्यों टोक रहे हैं ?’’

बनिये ने कहा, ‘‘लेकिन एक पहर रात बीतने के बाद आप जा कहाँ रहे हैं ?’’



चोर बोले, ‘‘माल खरीदने।’’

बनिये ने पूछा, ‘‘माल नकद खरीदोगे या उधार ?’’

चोर बोले, ‘‘न नकद, न उधार। पैसे तो देने ही नहीं हैं।’’

बनिये ने कहा, ‘‘आपका यह पेशा तो बहुत बढ़िया है। क्या आप मुझे भी अपने साथ ले चलेंगे ?’’

चोर बोले, ‘‘चलिए। आपको फ़ायदा ही होगा।’’

बनिये ने कहा, ‘‘बात तो ठीक है। लेकिन पहले यह तो बताओ कि यह धंधा कैसे किया जाता है ?’’

चोर बोले लिखो--

बनिए - बोलो,,

चोर बोले, ‘‘
—किसी के घर के पिछवाड़े...’’

बनिये ने कहा, ‘‘लिखा।’’

चोर बोले, ‘‘चुपचाप सेंध लगाना...’’

बनिये ने कहा, ‘‘लिखा।’’

चोर बोले, ‘‘फिर दबे पाँव घर में घुसना...’’



बनिये ने कहा, ‘‘लिखा।’’

चोर बोले, ‘‘जो भी लेना हो, सो इकट्ठा करना...’’

बनिये ने कहा, ‘‘लिखा।’’

चोर बोले, ‘‘न तो मकान मालिक से पूछना और न उसे पैसे देना...’’

बनिये ने कहा, ‘‘लिखा।’’

चोर बोले, ‘‘जो भी माल मिले उसे लेकर घर लौट जाना।’’

बनिये ने सारी बातें कागज पर लिख लीं और लिखा हुआ कागज जेब में डाल लिया। बाद में सब चोरी करने निकले। चोर एक घर में चोरी करने घुसे और बनिया दूसरे घर में चोरी करने पहुँचा। वहाँ उसने ठीक वही किया जो कागज में लिखा था। पहले पिछवाड़े सेंध लगाई। दबे पाँव घर में घुसा। दियासलाई जलाकर दीया जलाया। एक बोरा खोजकर उसमें पीतल के छोटे बड़े बरतन बड़ी बेफ़िक्री से भरने लगा। तभी एक बड़ा तसला उसके हाथ से गिरा और सारा घर उसकी आवाज से गूँज उठा। घर के लोग जाग गए।



सबने ‘चोर-चोर’ चिल्लाकर बनिये को घेर लिया और उसे मारने-पीटने लगे। बनिये को ताज्जुब हुआ। मार खाते उसने अपनी जेब में रखा कागज निकाला और उसे एक नजर पढ़ डाला। फिर तो वह जोश में आ गया। जब सब लोग उसकी मरम्मत कर रहे थे, तब बनिया बोला—

‘‘भाइयों, यह तो लिखा-पढ़ी से बिलकुल उलटा हो रहा है। यहाँ तो उलटी गंगा बह रही है।’’

बनिये की बात सुनकर सब सोच में पड़ गए। मारना-पीटना रोककर सबने पूछा, ‘‘यह तुम क्या बक रहे हो ?’’

बनिये ने कहा, ‘‘लीजिए, यह कागज देख लीजिए। इसमें कहीं पिटाई का जिक्र है’’ ? घर के लोग तुरंत समझ गए। उन्होंने बनिये को घर से बाहर धकेल दिया।

सोच-विचारकर किया कार्य कभी कष्टदायक नहीं होता है।

Tuesday, 6 February 2018

95% लोग नहीं जानते कि आधार कार्ड को अंग्रेजी में क्या कहते हैं

सवाल 1 : एल. पी. जी. गैस में क्या होता है ?


उत्तर : एल. पी. जी. गैस में ब्यूटेन होता है.


सवाल 2 : सर्वप्रथम किसने अशोक के अभिलेखों को पढ़ा था ?


उत्तर : सर्वप्रथम जेम्स प्रिंसेप ने अशोक के अभिलेखों को पढ़ा था.


सवाल 3 : चीनी यात्री हेनसांग ने किस विश्वविद्यालय में अध्ययन किया था ?

उत्तर : चीनी यात्री हेनसांग ने नालंदा विश्वविद्यालय में अध्ययन किया था.

सवाल 4 : कौनसा रक्त समूह सर्वदाता कहलाता है ?

उत्तर : ओ रक्त समूह सर्वदाता कहलाता है.

सवाल 5 : मनुष्य के शरीर में कितनी हड्डियाँ होती हैं ?

उत्तर : मनुष्य के शरीर में 206 हड्डियाँ होती हैं.

सवाल 6 : सूर्य के प्रकाश से कौनसा विटामिन प्राप्त होता है ?

उत्तर : सूर्य के प्रकाश से विटामिन D प्राप्त होता है.

सवाल 7 : प्रथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है यह सबसे पहले किसने बताया था ?

उत्तर : प्रथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है यह सबसे पहले कोपरनिकस ने बताया था.

सवाल 8 : आधार कार्ड को अंग्रेजी में क्या कहते हैं ?

उत्तर : आधार कार्ड को अंग्रेजी में यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया कहते हैं.

राजस्थान जीतने की जुगत में भाजपा और कांग्रेस, जानें क्या कहते हैं लोग

जिस तरह से मौसम बदलता रहता है,ठीक वैसे ही सियासी राजनीतिक समीकरण कब कौन सा रूप धारण कर ले कह पाना मुश्किल है।राजस्थान में अजमेर,अलवर संसद...